मेरे अंदर जो मैं हूँ
उसका एक टुकड़ा दे रहा हूँ
एक-एक कर चुना है
जो कई सालों से
उन में से सबसे सुनहरा
लिफ़ाफ़े में भेज रहा हूँ
और नहीं है, कुछ पास
सिवा इसके देने को
जो सबसे क़ीमती है मुझमे
वो ‘शौर्य’ भेज रहा हूँ
~शौर्य शंकर
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