Wednesday, 4 April 2018

झड़ा जा रहा .....



छटपटाहट छुपके
जो मन मे आई
पत-झड़ सा कुछ
हुआ भीतर
हर हल्के से झोंके पे
मुझमें से मेरा ही
एक टूकड़ा, सूखा सा
झड़ा जा रहा .....
~शौर्य शंकर

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