Thursday, 23 October 2014

लोग कहते है ....


लोग कहते है
कि मैं होश में भी बेहोश रहता हूँ
वो बेख़बर है
कि मैं तो तेरे इश्क़ में मदहोश रहता हूँ


आसमान से ज़मीन तलक
हर ज़र्रे में सुबह-शाम धड़कता हूँ
अब कुछ और कर ऐ ज़माने 
कि मैं तो हर ज़ुबान पे मौजूद रहता हूँ

~शौर्य शंकर

Saturday, 4 October 2014

मैं ....


मैं हर चेहरे से मोहब्बत कर बैठता हूँ गोया
मेरे माशूक़ का चेहरा तूने दिखाया जो नहीं

मैं हर ज़र्रे में तेरा ही अक्स खोजता हूँ
मुझे किसी मज़हब से कभी तूने रूबरू कराया जो नहीं

मैं आग का दरिया तक पार कर जाऊँ  गोया
मुझे मिलने को कभी तूने बुलाया जो नहीं

खुद को कभी-कभी आइने में पा लेता हूँ
तुझे जिसमे पा लूँ वो आईना अभी तक देखा जो नहीं

~ शौर्य शंकर