कभी तेरा नाम लिखा
तो कभी मिटा दिया
बस यही करता रहा रात भर।
कभी तेरी तस्वीर देखी
तो कभी छुपा दी
बस यही करता रहा रात भर।
कभी तुमसे मिलने के अरमान जगाए
तो कभी सुला दिए
बस यही करता रहा रात भर।
कभी तुझे ख्यालों में पाया
तो कभी गुमा दिया
बस यही करता रहा रात भर।
कभी तू रूठ जाती
तो मैं मना लेता
बस यही करता रहा रात भर।
कभी ये सब सोच बत्ती जलाई
तो कभी बुझा दी
बस यही करता रहा रात भर।
~ शौर्य शंकर
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