कोई तूफ़ान है सीने में जो सांय-सांय करे हैं
मैं काबिल नहीं तो न सही, मेरे अलफ़ाज़ बयां करे है
हर हर्फ़ मेरा दर्द, मेरी आह बयां करे है
जिनपे लोग महफ़िल में 'शौर्य ' वाह-वाह करे है
तेरी लौ सीने में जली तो ख़्वाब बन गए
जो लौ में मैं हुआ राख तो मिसाल बन गए
~ शौर्य शंकर
मैं काबिल नहीं तो न सही, मेरे अलफ़ाज़ बयां करे है
हर हर्फ़ मेरा दर्द, मेरी आह बयां करे है
जिनपे लोग महफ़िल में 'शौर्य ' वाह-वाह करे है
तेरी लौ सीने में जली तो ख़्वाब बन गए
जो लौ में मैं हुआ राख तो मिसाल बन गए
~ शौर्य शंकर
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