आज एक पुँज भर हूँ तो क्या
कल सूरज बन चमकना है मुझे
आज एक छोटी बूँद हूँ तो क्या
कल समन्दर सा अथाह बनना है मुझे
आज एक हवा का झोखा हूँ तो क्या
कल आंधी सा वेग पाना है मुझे
आज एकदम अकेला खड़ा हूँ तो क्या
कल पूरी दुनिया को अपना बनाना है मुझे
आज मैं ज़र्रा भर हूँ तो क्या
कल काएनात मुठ्ठी में लाना है मुझे
आज ही चलना शुरू किया है तो क्या
कल दूसरों का रास्ता बन जाना है मुझे
आज छोटा बुलबुला भर हूँ तो क्या
कल इसी से सपनो का इन्द्रधनुष बनाना है मुझे
आज ही लड़ना शुरू किया है मैंने तो क्या
कल इसी को सुनेहरा इतिहास बनाना है मुझे
~ शौर्य शंकर
कल सूरज बन चमकना है मुझे
आज एक छोटी बूँद हूँ तो क्या
कल समन्दर सा अथाह बनना है मुझे
आज एक हवा का झोखा हूँ तो क्या
कल आंधी सा वेग पाना है मुझे
आज एकदम अकेला खड़ा हूँ तो क्या
कल पूरी दुनिया को अपना बनाना है मुझे
आज मैं ज़र्रा भर हूँ तो क्या
कल काएनात मुठ्ठी में लाना है मुझे
आज ही चलना शुरू किया है तो क्या
कल दूसरों का रास्ता बन जाना है मुझे
आज छोटा बुलबुला भर हूँ तो क्या
कल इसी से सपनो का इन्द्रधनुष बनाना है मुझे
आज ही लड़ना शुरू किया है मैंने तो क्या
कल इसी को सुनेहरा इतिहास बनाना है मुझे
~ शौर्य शंकर
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