Monday, 15 October 2012

" कदम "

 


उन नन्हे-नन्हे  कदमों पर ,
     जो ज़मीन पर जमे न थे .

हरकत तो थी उनमे ,
    पर काबिल बने न थे .

उम्मीदों के बोझ भी अब तक ,
    जिसने कभी सहे न थे .

अभी -अभी चलने शुरू किये ,
    पर ठीक से कहीं पड़े न थे .


शौर्य शंकर 

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