किसी से मुझे भी मिला दे कभी।
किसी का आशिक़ ही बना दे कभी।।
किसी पे मैं भी जान छिड़कूँ कभी।
किसी पे मैं भी जान छिड़कूँ कभी।
उसके दिल की धड़कन बन जाऊं कभी।।
किसी की आँखों में डूब जाऊं कभी।
किसी की आँखों में डूब जाऊं कभी।
उसके काम ये ज़िन्दगी आजाए कभी।।
किसी की मुस्कुराहट पे साँस थम जाए कभी।
उसके होटों पे मेरा नाम ही आजाए कभी।।
किसी के दिल में धड़कन बन धड़कूं कभी।
उसको चूम के नब्ज़ में उतर जाऊं कभी।।
किसी की सपनो में मैं घोड़े पे आऊं कभी।
उसको भरी महफ़िल में अपना बनाऊँ कभी।।
किसी को अपनी बाहों में ले गाने गाऊँ कभी।
उसकी सुनहरी किस्मत मैं, बन जाऊं कभी।।
किसी की हर पल को धड़कना सीखाऊँ कभी।
उसकी दुनिया को फूल बन महकाऊँ कभी।।
किसी की रूह में समां जाऊं कभी।
उसकी बाहों में ही दफ़्न हो जाऊं कभी।।
-शौर्य शंकर
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