अब मैं गरीबी से भी डरता नहीं।
क्यूंकि खुद को दिल की सल्तनत का सुलतान मान लिया है मैंने।।
अब मैं ख़्वाब टूटने से भी डरता नहीं।
क्यूंकि ख़ुद पे विश्वास करना, सीख लिया है मैंने।।
अब मैं मौत से भी डरता नहीं।
क्यूंकि हर पल को जीना, सीख लिया है मैंने।।
अब मैं डूबने से भी डरता नहीं।
क्यूंकि समुन्दर की गहराई से, दोस्ती कर ली है मैंने।।
अब मैं मंज़िल की तलाश करता नहीं।
क्यूंकि ख़्वाबों को हमसफ़र, बना लिया है मैंने।।
-शौर्य शंकर
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